Bareilly Fake Rape : यूपी का बरेली शहर। 30 मार्च को शहर के इज्जत नगर इलाके में एक बड़ी वारदात हुई। एक कार में आए कुछ बदमाशों ने एक महिला को तब सरेआम अगवा कर लिया, जब वो 300 बेड अस्पताल के सामने से कुछ दवाइयां खरीद कर निकली थी। किडनैपर्स ने ना सिर्फ उसे अगवा किया, बल्कि उसके साथ चलती कार में ही गैंगरेप किया और आखिरकार गोली मार कर उसकी जान लेने की कोशिश की।
गोली महिला के सीने में लगी लेकिन वो किसी तरह अपहरण करने वाले लोगों को चंगुल से छूटने में कामयाब हो गई। पुलिस को जब इस वारदात की खबर मिली, तो वो फौरन मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी। (Bareilly Fake Rape)
पुलिस ने बदहवास महिला को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया और उसके थोड़ा ठीक होते ही उससे पूछताछ शुरू की। महिला ने पुलिस को ठीक वही कहानी बताई, जो उसके साथ गुजरी थी। लेकिन पुलिस इस बात को लेकर थोड़ी हैरान थी कि सरेआम किसी महिला के साथ इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई?
पुलिस ने अब उस 300 बेड अस्पताल के आस-पास ऐसी घटना के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की, तो पुलिस को एक और झटका लगा। क्योंकि वहां पुलिस को ऐसा कोई आदमी मिला ही नहीं, जिसने किसी महिला को अगवा होते या फिर किसी कार में जबरदस्ती बिठा कर ले जाते हुए देखा हो।
Bareilly Fake Rape – जांच में ऐसे सामने आई सच्चाई
अब पुलिस ने उस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांचने का फैसला किया, ताकि ये पता चल सके कि किडनैपर्स किस गाड़ी में थे? कैसे अपहरण हुआ? कार का नंबर क्या था..? वगैरह-वगैरह। लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो उसे एक हैरान करने वाली चीज नजर आई। उसने देखा कि कोई अपहरण तो नहीं, मगर पीड़ित महिला खुद ही एक ऑटो में बैठ कर वहां से जाती हुई दिख रही थी।
अब पुलिस का शक महिला की तरफ जाने लगा। तब तक महिला के जख्मों की मेडिकल रिपोर्ट आ गई और मेडिकल रिपोर्ट ने मानों एकाएक महिला की साजिश का भंडा फोड़ दिया।
Bareilly Fake Rape – नकली जख्म को देखते ही डॉक्टर पहचान गए
डॉक्टर की रिपोर्ट में बताया गया था कि महिला के सीने में गोली लगने के जो जख्म है, उसमें गोली लगने जैसी कोई बात नजर नहीं आ रही है। ना तो ब्लैकेनिंग के निशान हैं और न ही जख्म का प्रकार वैसा है, जैसा आम तौर पर बुलेट लगने से होता है। असल में जख्म कुछ ऐसा था, मानों किसी ने सर्जिकल ब्लेड से उस जगह की चीर दिया हो। पुलिस को पहले ही महिला पर पहले से ही शक था और जब ये रिपोर्ट सामने आई, तो पुलिस का शक तकरीबन यकीन में बदल गया।
अब पुलिस ने सीधे महिला से ही पूछताछ चालू कर दी और जैसे-जैसे सवालों का सिलसिला आगे बढ़ता गया, महिला के झूठ की पोल खुलती गई।
एक इंस्टा पोस्ट से कैसे खुदकुशी को मजबूर हुआ शख्स? पढ़ें-
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सोशल मीडिया पर इस खबर की एक झलक देखें-
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महिला ने अपहरण, रेप और फायरिंग की ना सिर्फ झूठी रिपोर्ट लिखवाई थी, बल्कि अपने सीने में बाकायदा एक सर्जिकल कट लगा कर उसमें एक गोली भी फंसा ली थी, ताकि वो अपनी बात को सही साबित कर सके। इन सबूतों के सामने आने के बाद अब खुद को पीड़ित बता रही महिला टूट गई और उसने सच्ची कहानी बताने की शुरुआत की। महिला ने बताया कि ये सारा प्रपंच उसने बरेली के एक नेता और उसके बेटे को फंसाने के लिए रचा था, ताकि उन्हें ब्लैकमेल कर सके।
असल में इस नेता से आरोपी महिला का पहले से विवाद चला आ रहा है। उसने पहले भी कुछ इसी तरीके से एक बार उस नेता को फंसाया था। इस बार वो ब्लैकमेलिंग की दूसरी कोशिश कर रही थी।
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इसी साजिश के तहत उसने सरकारी अस्पताल के एक वार्ड ब्वॉय रोहताश से बात की, जिसने उसे 10 हजार रुपये के एवज में ना सिर्फ गोली इंप्लांट करने का आइडिया दिया, बल्कि खुद ही उसे एक चली हुई गोली और दो खाली कारतूस भी दिए। जबकि उसने अपने शरीर में कट लगा कर उसमें गोली फंसाने का काम एक झोलाछाप डॉक्टर शराफत अली से करवाया।
उस डॉक्टर ने पहले उसे किसी अंग विशेष को सुन्न करने की दवा दी। उस जगह पर कट लगाया और फिर वहां गोली फंसा दी। फिलहाल पुलिस ने महिला समेत उसके दोनों मददगारों को गिरफ्तार कर लिया है।
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