Rajasthan Rebirth Story – पुनर्जन्म शुरू से ही एक रहस्यमयी विषय रहा है। हिंदू धर्म में पुनर्जन्म की खास जगह है। लेकिन इसके बावजूद ये विषय इसलिए रहस्यमयी है क्योंकि ज्यादातर लोगों को अपने मौजूदा जन्म में पिछले जन्म की बातें याद ही नहीं रहती। लेकिन कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिन्हें देखने के बाद पुनर्जन्म की बातों पर यकीन करने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता। ये कहानी है राजस्थान के राजसमंद जिले की। साल है 2022 का। (Rajasthan Rebirth Story)
राजसमंद जिले में एक गांव है परावल। इस गांव में अब से कोई 3 साल पहले यानी 2022 में चार साल की एक बच्ची किंजल ने एकाएक कुछ ऐसी बातें कहने की शुरुआत की, जिसके बाद लोगों का ध्यान उसकी ओर जाने लगा। ये लड़की अक्सर पास के ही एक और गांव पिपलांत्री का नाम लेती और वहां जाने की जिद करती। एक दिन इस लड़की से उसकी मां ने अपने पापा को बुलाने के लिए कहा। लेकिन इस छोटी सी बच्ची ने ये कह कर सबको चौंका दिया कि उसके पापा तो पिपलांत्री गांव में रहते हैं। परावल और पिपलांत्री गांव की दूरी करीब 30 किलोमीटर है।

Rajasthan Rebirth Story – नन्हीं बेटी की बात सुन कर हैरान हुए घर वाले
ये पहला मौका था जब किंजल के घरवालों को लगा कि किंजल की जिंदगी में कुछ ना कुछ ऐसा जरूर है जिसका कनेक्शन पिपलांत्री गांव से है। अब घर वालों ने किंजल से पूछा कि आखिर वो पिपलांत्री गांव के बारे में कैसे जानती है? और ये बात वो क्यों कह रही है कि उसके पापा पिपलांत्री में रहते हैं? इस पर किंजल ने साफ-साफ बताया कि उसका नाम असल में ऊषा है और पिपलांत्री की ही रहने वाली है। पिछले जन्म में खाना बनाते वक्त आग से झुलसने के चलते ही उसकी मौत हो गई थी और अब उसका जन्म यहां परावल गांव में हुआ है।
घर वाले ये सुन कर हैरान रह गए। लेकिन वो किंजल की कही गई बातों का सच भी जानना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने गांव पिपलांत्री में ऊषा नाम की महिला के बारे में जानने की कोशिश की। पता चला कि सचमुच करीब आठ साल पहले पिपलांत्री की रहने वाली ऊषा नाम की एक महिला की वहां झुलसने से मौत हो गई थी। इसी कड़ी में पिपलांत्री की ऊषा के भाई तक भी इस बच्ची की खबर पहुंची और ऊषा का भाई पंकज एक रोज कौतुहल वश किंजल से मिलने आ गया।
Rajasthan Rebirth Story – ऊषा के भाई को देखते ही किंजल ने पहचान लिया
इस दिन एक अजीब घटना हुई। पंकज को देखते ही 4 साल की बच्ची किंजल ने पहचान लिया और उसे भैया-भैया कह कर बुरी तरह रोने लग गई। जैसे कोई अपनों से बिछड़ने के बाद दोबारा मिलने पर होता है। अब बच्ची के घर वालों को इस बात का तकरीबन यकीन हो चुका था कि किंजल ही पिछले जन्म में पिपलांत्री की ऊषा थी। कुछ दिनों के बाद किंजल को लेकर उसके मम्मी-पापा और दादा पिपलांत्री पहुंचे। वहां पहुंच कर उन्हें ये देख कर हैरानी हुई कि किंजल गांव की हरेक गली, हरेक रास्ते के साथ-साथ वहां के तमाम लोगों को पहचानती थी।
पुनर्जन्म से जुड़ी ये खबर मार्मिक है. देखें टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट-
https://timesofindia.indiatimes.com/city/hubballi/
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किंजल को लेकर जब उसके मां-बाप ऊषा के घर गए, तो उसने उस परिवार के सारे लोगों को पहचान लिया और ठीक ऊषा की तरह उनसे बातें करने लगी। यहां तक कि ऊषा को जो-जो बातें पसंद थी, किंजल वो भी बता रही थी। और तो और किंजल ने ऊषा के दोनों बच्चों को भी पहचान लिया और उन्हें ठीक एक मां की तरह प्यार करने लगी। जबकि दोनों बच्चे किंजल से उम्र में बड़े थे। फिलहाल किंजल और ऊषा के परिवार में इस पुनर्जन्म के वाकये के चलते एक अजीब सा अनकहा और प्यार भरा रिश्ता बन चुका है। लोग इस स्टोरी पर अब भी हैरान होते हैं।
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