IAS Shubham Gupta – हमारे आस-पास सचमुच की जिंदगी में कई कहानियां ऐसी होती हैं, जिन पर यकीन करना भी मुश्किल होता है। लेकिन ये कहानियां मोटिवेशन जबरदस्त देती हैं। तो आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में, जिसे अपने आईएएस बनने के कुछ साल पहले तक आईएएस का मतलब भी नहीं पता था और वो मुफलिसी की हालत में अपने पिता के जूते की दुकान में बैठा करता था। एक रोज पिता ने उसे आईएएस बनने की सलाह दी और उसने पूरी मोटिवेशन के साथ अपना ड्रीम फॉलो करना शुरू कर दिया। नतीजा ये हुआ कि कुछ ही सालों में वो आईएएस बन गया। (IAS Shubham Gupta)
IAS Shubham Gupta की कहानी जानने लायक है
ये कहानी है शुभम गुप्ता की, जो इन दिनों महाराष्ट्र के सांगली मिराज कूपवाड़ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। शुभम गुप्ता 2018 बैच के टॉपर रहे हैं। यूपीएससी 2018 की परीक्षा में उनकी रैंक छठवीं थी। शुभम गुप्ता ने एक वीडियो में अपनी जिंदगी की हकीकत बताई है। उन्होंने बताया है कि वो जयपुर के एक सामान्य परिवार से हैं। उनके परिवार के सामने किसी जमाने में काफी आर्थिक संकट था। उनके पिता ने काफी स्ट्रगल लिया। हालत ये हुई कि उन्हें जयपुर छोड़ कर महाराष्ट्र शिफ्ट होना पड़ा।
IAS Shubham Gupta कैसे पिता की कही गई बात से प्रभावित हुए
उन दिनों उनके पिता अपने कारोबार के सिलसिले में अफसरों से मिलते थे। उन्हीं से प्रभावित होकर एक दिन उनके पिता ने शुभम से कहा था- बेटा कलेक्टर बन जाओ। सब अच्छा हो जाएगा। बस, पिता की कही गई यही बात उनके दिल में घर कर गई और वो तैयारी में जुट गए। गुप्ता का कहना है कि वो जहां महाराष्ट्र में थे, वहां सिर्फ मराठी मीडियम से ही पढ़ाई की सुविधा थी। हिंदी या इंग्लिश नहीं था। ये उनके लिए एक चैलेंज था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। स्कूलिंग के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की और आईएएस की तैयारी में लग गए।
आप शुभम गुप्ता की इंस्टा आईडी पर उनकी लाइफ स्टोरी की और झलक देख सकते हैं-
https://www.instagram.com/shubhamgupta1108/
एक इंटरनेशनल न्यूज भी हो जाए-
https://newschronicles.in/donald-trump-video/
IAS Shubham Gupta ने क्या टिप्स दिया अभ्यर्थियों को?
शुभम कहते हैं कि जो भी ऐसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उन्हें अपनी क्षमता के हिसाब से ही सब्जेक्ट का चुनाव करना चाहिए। किसी के कहे सुने के हिसाब से नहीं। हालांकि पहली कोशिश में वो प्रीलिम्स में फेल हो गए। लेकिन इसका उन्होंने कोई बहाना नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि ये उनकी तैयारी और गंभीरता की कमी थी। 2016 में उन्होंने भारत में 366वां रैंक निकाला। यानी वो चुन लिए गए। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने तैयारी जारी रखी और आखिरकार 2018 में पूरे भारत में 6ठी रैंक हासिल की।
शुभम गुप्ता जैसे लोग आज लाखों नौजवानों के लिए मिसाल हैं।
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