HC Judge : आग बुझाने के दौरान जज के घर से मिला नोटों का ढेर.. हुआ सिर्फ ट्रांसफर.. अब सवाल ही सवाल..

HC Judge – इस खबर को पढ़ कर आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या कानून वाकई अमीर-गरीब, प्रशावशाली और कमजोर लोगों के लिए अलग-अलग तरीके से काम करता है? मामला राजधानी दिल्ली का है। जहां कुछ रोज़ पहले दिल्ली हाई कोर्ट के एक माननीय न्यायाधीश के बंगले में अचानक आग लग गई। इत्तेफाक से जज साहब उस समय घर पर नहीं थे। घबराये घर वालों ने फायर ब्रिगेड को फोन लगा दिया और हाई कोर्ट जज के घर में आग की बात सुनकर फायर ब्रिगेड भी गोली की रफ्तार से उनके घर पहुंची। फौरन फायर फाइटिंग का ऑपरेशन चालू कर दिया गया। (HC Judge)

HC Judge – गए थे आग बुझाने.. मिल गया नोटों का ढेर

मगर फायर फाइटिंग के ऑपरेशन के दौरान फायर कर्मियों को जज साहब के बंगले के एक कमरे में एक ऐसी चीज नजर आई कि उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। कमरे में नोट ही नोट भरे हुए थे। यानी नोटों का ढेर लगा हुआ था। इसके बाद जब फायर फाइटिंग का ऑपरेशन पूरा हुआ और रिपोर्ट लिखी जाने लगी तो फायर डिपार्टमेंट ने नोटों की बात का भी जिक्र किया। ये बंगला दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा का था। अब बात पुलिस तक पहुंची। ग्राउंड लेवल पर काम करने वाले पुलिस वालों से होती हुई बात महकमे के आला अफसरों तक भी गई। धीरे-धीरे तमाम लोगों को ये बात पता चल गई।

HC judge.
HC judge case. Social media grab.

इसके बाद सरकार की ओर से सुप्रीम को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को भी इस बरामदगी की जानकारी दी गई। चूंकि मामला बेहद गंभीर था, जस्टिस संजीव खन्ना ने आनन-फानन में कोलेजियम की एक मीटिंग बुलाई। और हैरानी की बात ये रही कि जैसे ही कोलेजियम के सामने नोटों के ढेर की इस बरामदगी की खबर सामने आई, कोलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का फैसला सुना दिया। जस्टिस वर्मा इलाहाबाद हाई कोर्ट से ही 2021 को ट्रांसफर के बाद दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे थे।

एक सोशल मीडिया पोस्ट देखें – 

https://x.com/SachinGuptaUP/status/

HC Judge – टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस सिलसिले में एक डिटेल्ड रिपोर्ट छापी है। जिसमें बताया गया है कि कोलेजियम ने जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर का फैसला तो कर लिया, लेकिन कोलेजियम के कुछ मेंबर इस बात पर राजी नहीं थे। उन्हें लगता है कि ऐसे गंभीर मामले में सिर्फ ट्रांसफर देश की न्यायिक व्यस्था और पूरे सिस्टम की छवि को धक्का लगेगा। ऐसे सदस्यों का मानना है कि जस्टिस वर्मा को तुरंत अपने पद से हटने के लिए कहा जाना चाहिए और अगर वो नहीं हटते हैं तो उनके खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अगुवाई में ही एक जांच की शुरुआत की जानी चाहिए, ताकि आगे नियम के मुताबिक उन्हें पद से हटाया जा सके।

इस मामले पर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट देखें-

https://timesofindia.indiatimes.com/india/

HC Judge – अब लोग माननीयों से पूछ रहे हैं चुभने वाले सवाल

जाहिर है जस्टिस के घर से नोटों की बरामदगी की इस बड़ी खबर के बाद रिस्पांस के तौर पर सिर्फ उनका ट्रांसफर किए जाने को लेकर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं। सोशल मीडिया में इस सिलसिले में कई पोस्ट्स देखने को मिल रहे हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि माननीय का सिर्फ तबादला हुआ और अगर किसी आम आदमी के घर ऐसी बरामदगी हुई होती, तो अब तक इनकम टैक्स, ईडी जैसी एजेंसियां पीछे पड़ चुकी होती। कहने की जरूरत नहीं है कि कथित भ्रष्टाचार के इस मामले में कोलेजियम के फैसले ने सिस्टम की हकीकत को उजागर कर दिया है।

कानून बनाने वालों की करतूत भी देखिए-

https://newschronicles.in/assam-mla-5491-2/

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