Doctor Saves Life : नवजात के लिए फरिश्ता बनीं डॉक्टर.. मुंह से सांस देकर बचा ली जिंदगी.. Viral Video

Doctor Saves Life – ऐसे डॉक्टरों की वजह से डॉक्टरी के पेशे की रौनक है। और ऐसे ही डॉक्टरों की वजह से डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। सोशल मीडिया पर इस वक्त एक ऐसी लेडी डॉक्टर का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें डॉक्टर एक नवजात बच्चे को मुंह से सांस देकर उसकी जान बचाने की कोशिश करती हुई दिख रही है। पोस्ट करने वाले ये तो नहीं बताया है कि ये वीडियो कहां का है, लेकिन इतना जरूर बताया है कि डॉक्टर ने इस तरह करीब 7 मिनट तक मेहनत करके आखिरकार बच्चे को मौत के मुंह से वापस खींच लिया। (Doctor Saves Life)

Doctor Saves Life – इस डॉक्टर की कोशिश को सलाम है

वीडियो में दिख रहा है कि एक नवजात बच्चा जन्म के तुरंत बाद बिल्कुल बेजान सा पड़ा है और लेडी डॉक्टर उसे दोनों हाथों से थामे लगातार अपने मुंह से उसे सांस देने की कोशिश कर रही है। आस-पास कुछ और भी पैरामेडिक्स यानी अस्पताल कर्मी खड़े हैं, जो डॉक्टर की इस कोशिश को देख रहे हैं। वीडियो तो खैर 2 मिनट में खत्म हो जाता है, लेकिन बच्चे को बचाने की डॉक्टर की कोशिश जारी रहती है। इस वीडियो को देवाराम भादू खिंवसर नाम के एक एकाउंट से पोस्ट किया गया है। जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वीडियो कहीं राजस्थान का है और वो भी मारवाड़ इलाके का।

Doctor Saves Life – जब तक सांस नहीं आती डॉक्टर की कोशिश जारी रहती है

वीडियो में डॉक्टर का नाम सुरेखा चौधरी बताया गया है। बच्चे की जान बचाने की कोशिश करती डॉक्टर की ये कोशिश इतनी अच्छी है कि वो सिर्फ अपना काम ही नहीं कर रही, बल्कि बच्चे को प्यार से पुचकारती हुई लगातार उससे बातचीत भी कर रही है। हालांकि बच्चे छोटा तो है ही, उसकी हालत भी बुरी है। वो बातचीत के मामले में रिस्पॉन्स नहीं कर रहा है। लेकिन डॉक्टर की मेहनत और लगन में कोई कमी नजर नहीं आती। वो कभी बच्चे के मुंह में कोई उपकरण डालती है। कभी मुंह से सांस देती है और कभी उसे उल्टा लटका कर उसमें जिंदगी वापस लाने की कोशिश करती है।

सोशल मीडिया में डॉक्टर के समर्पण की तस्वीर देखिए-

https://x.com/devabhadu5/status/

Doctor Saves Life – सोशल मीडिया हुआ सरकारी डॉक्टर का फैन

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने देखा और शेयर किया है। सारे लोग इस डॉक्टर की मेहनत और पेशे से उनके लगाव की तारीफ कर रहे हैं। हालांकि कुछेक यूजर्स ऐसे हैं, जिनका कहना है कि ऐसी कोशिशों से बच्चे को इन्फेक्शन का खतरा रहता है। इसलिए बच्चे की जान बचाने के लिए रीससिटेशन (पुनर्जीवित) देने के लिए उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। हालांकि ये भी सच है कि आज भी हमारे सरकारी अस्पतालों में संसाधनों का टोटा है और कई बार उपकरणों के इंतजार में सांसों की डोर टूट जाती है। इसलिए इन डॉक्टर साहिबा ने जो कुछ किया है, वो शानदार और बेमिसाल है।

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