New Milestone – ज़ी राजस्थान ने वीरों की धरती राजस्थान में कामयाबी का झंडा गाड़ दिया है। ये आज की तारीख में ना सिर्फ राजस्थान का सबसे देखा जाने वाला न्यूज चैनल है, बल्कि बार्क की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक जी राजस्थान के पास 50 फीसदी से भी ज्यादा का मार्केट शेयर है। यानी एक तरफ सारे न्यूज चैनल और दूसरी तरफ ज़ी राजस्थान अकेला। (New Milestone)
ज़ी राजस्थान ने इसी कड़ी में स्वर्णिम राजस्थान नाम के एक प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसके जरिए पूरे प्रदेश में हितधारकों को जोड़ने का सिलसिला जारी है। फिर चाहे बात शिक्षा की हो, स्वास्थ्य सेवाओं की, बुनियादी ढांचे की, कारोबार की या फिर रोजगार की.. ऐसे तमाम जन सरोकार के मुद्दों को ज़ी राजस्थान लगातार प्रमुखता से उठा रहा है।

“स्वर्णिम राजस्थान ज़ी राजस्थान का एक क्रांतिक्रारी प्रोग्राम”
अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक ज़ी राजस्थान ने सूबे के 9 जिलों में क्रांतिक्रारी कार्यक्रमों की अगुवाई की, जिसमें सरकारी नुमाइंदे, उद्योग जगत से जुड़े लोग, राजनेता और अलग-अलग समुदायों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। असल में ज़ी राजस्थान का प्रोग्राम स्वर्णिम राजस्थान वो अवधारणा है, जिसके तहत राज्य के विकास की चुनौतियों का समाधान ढूंढने की कोशिश की जाती है और इसमें आम लोगों और नीति निर्माताओं के बीच की खाई को पाटने की कोशिश रहती है।
ज़ी राजस्थान सरकार और नागरिकों के बीच का पुल – आशीष दवे
ज़ी राजस्थान के प्लान की बात करें तो आने वाले वित्तीय वर्ष में बाकी बचे 32 जिलों तक पहुंचने की तैयारी है। ज़ी राजस्थान और ज़ी 24 घंटा के चैनल हेड आशीष दवे कहते हैं कि ज़ी राजस्थान असल में आम लोगों और सरकार के बीच एक पुल का काम करता है, जो ये तय करता है कि लोगों की आवाज कहीं खो ना जाए। दवे ने कहा कि राज्य के नंबर 1 चैनल होने के नाते उनका फर्ज सिर्फ रिपोर्टिंग करना ही नहीं है, बल्कि राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने में भी अपनी भूमिका निभाने की है।
पत्रकारिता की असली ताकत जवाबदेही में है – करण अभिषेक सिंह
ZMCL के सीईओ करण अभिषेक सिंह कहते हैं कि पत्रकारिता की असली ताकत उसकी जवाबदेही में है और स्वर्णिम राजस्थान इसका बेहतरीन उदाहरण है। ZMCL को उन नवचारों पर गर्व है जिसमें न्यूज कवरेज से आगे बढ़ कर संस्थान राज्य की प्रगति में योगदान करता है और ये सिलसिला आगे भी यूं ही चलता रहेगा।