Mohammed Shami News – उधर टीम इंडिया के स्टार बॉलर मोहम्मद शमी चैंपियंस ट्रॉफी में अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहे हैं और इधर बड़े-बड़े मौलाना और आलिम फाजिल शमी को लेकर एक दूसरे से भिड़े हुए हैं। असल में शमी को लेकर मौलानाओं में विवाद की शुरुआत तब हुई, जब बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मैच के दौरान मोहम्मद शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने को लेकर उन्हें जज करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इन दिनों रमजान चल रहा है और मोहम्मद शमी रोजा नहीं रख रहे हैं, जो कि इस्लाम की नजर में एक गुनाह है। पिछले दिनों शमी के मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने की एक तस्वीर सामने आई थी। हालांकि इस विवाद में आम लोग भी कूद पड़े। (Mohammed Shami News)
जो मैदान में पसीना बहा रहा वो रोजा कैसे रखेगा?
अब शमी के रोजा न रखने के पीछे की वजह तो पूरी दुनिया जानती है। जब कोई प्लेयर मैदान में हो, पसीना बहा रहा हो, तो वो भला कैसे रोजा रख सकते हैं? और शमी तो देश के लिए खेल रहे हैं। ऐसे में खुद शमी के कजन मुमताज से लेकर तमाम लोगों ने रजवी के उस बयान की निंदा की और कहा कि इस तरह से एक खिलाड़ी का मनोबल टूट सकता है। शमी के भाई ने कहा कि शमी बेशक अभी रोजा न रख पाएं, लेकिन वो अपना काम पूरा हो जाने के बाद घर में रहते हुए इसकी भरपाई कर लेते हैं।
रजवी को बाकी मौलानाओं ने कुछ यूं घेर लिया
जाहिर है मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का ये बयान बेतुका तो है ही। ऐसे में खुद दूसरे कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अब मौलाना रजवी को आड़े हाथों लिया है। शियाओं के मजहबी नुमाइंदे मोहम्मद यासूब अब्बास ने कहा है कि ये सही है कि इस्लाम में रोजा हर मुसलमान का फर्ज है। लेकिन आप किसी के साथ इसके लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते। इसलिए ऐसा कुछ कहना ठीक नहीं। उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि कुरान में साफ साफ लिखा है कि अगर कोई विशेष हालात में रोजा नहीं रख पाता है, तो उस पर कोई जबरदस्ती नहीं है।
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