Mahakumbh Stampede Shocker – महाकुंभ के भगदड़ में हुई थी ‘मौत’, 13वीं के दिन लौट आया घर

अपनी तेरहवीं पर घर लौटा प्रयागराज का शख़्स

पूछा, ”घर के बाहर इतनी भीड़ क्यों लगा रखी है?”

मौत की असली कहानी जानेंगे तो चौंक जाएंगे

Mahakumbh Stampede Shocker – परिवार के लोग, नाते-रिश्तेदार, पड़ोसी सब एक जगह पर इकट्ठा थे। गरमा-गरम पूड़ियां तली जा रही थीं, लोग एक-एक कर आगे आते और कुर्सी पर रखे उस शख्स की तस्वीर पर फूल उछाल कर अपनी श्रद्धांजलि देते। असल में ये मौका था खूंटी गुरु नाम के एक शख्स की तेरहवीं का, जिसकी हाल ही में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में मौत हो गई थी। लेकिन अभी 13वीं का प्रोग्राम चल ही रहा था कि लोगों ने जो कुछ देखा, उसके बाद उन्हें खुद अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल हो गया। (Mahakumbh Stampede Shocker )

बिना बताए 13 दिनों से गायब था वो

जिस खूंटी गुरु की याद में लोग मातम मना रहे थे, तेरहवीं का प्रोग्राम चल रहा था, वही शख्स पैदल अपनी घर की तरफ चला आ रहा था। लेकिन आखिर ये हुआ कैसे? जिस शख्स को दुनिया वालों के साथ-साथ घरवालों ने भी मुर्दा मान लिया था, आखिर वो जिंदा कैसे हो उठा? और सबसे अहम ये कि महाकुंभ में मची भगदड़ वाले दिन यानी 29 जनवरी से लेकर अब तक यानी 13 दिन तक वो कहां रहा? इतने दिनों में आखिर क्यों उसने ना तो एक बार भी घरवालों से संपर्क किया और ना ही ये जानने की कोशिश की कि आखिर उसके परिवार के लोग उसके यूं लापता हो जाने से कितने परेशान होंगे।

अपनी तेरहवीं देख कर मुस्कुराने लगा वो

खूंटी गुरु पैदल ही चलता हुआ अपने घर पहुंचा और वहां मौजूद लोगों से बड़े मासूमियत से पूछने लगा कि आखिर यहां इतनी भीड़ क्यों लगी है? एकबारगी तो लोगों को समझ में नहीं आया कि उसके इस सवाल का वो जवाब दें, तो क्या दें? खैर लोगों ने उसे सच्चाई बताई कि वो महाकुंभ के मेले से जिस तरह से गायब हो गया था उसके बाद सभी को लगा कि उसकी मौत हो चुकी है और इसी लोग यहां इस वक्त उसकी 13वीं का प्रोग्राम कर रहे थे। ये सुन कर खूंटी गुरु मुस्कुराने लगा।

साधुओं के साथ चिलम फूंक कर सब भूल गया

बहरहाल, अब लोगों ने उससे इतने दिनों तक गायब रहने की वजह पूछी। जवाब में खूंटी गुरु ने बताया कि वो मौनी अमावस्या के रोज़ कुछ नागा साधुओं के साथ बैठा चिलम फूंक रहा था। और चिलम का ये नशा कुछ इतना ज्यादा हो गया कि उसे याद ही नहीं रहा कि वो कहां है, कौन सी तारीख है, उसका घर कहां है और उसे जाना कहां है। वो तो जब कई दिन गुजरने के बाद उसका नशा उतरा और उसे अपने घर की याद आई, तो फिर उसने लौटना ठीक समझा।

ये थी मौत की असली कहानी

इस बीच खूंटी गुरु की मौत की गलतफहमी की रियल स्टोरी भी सामने आ गई। दरअसल, वो 28 जनवरी की शाम को ये कह कर घर से निकला था कि वो संगम ने नहाने जा रहा है। इसके बाद देर रात को भगदड़ मच गई। इसके बाद घर वालों ने लाख कोशिश कर ली, लेकिन खूंटी गुरु से उनका संपर्क नहीं हो सका और ना ही उसका शव ही किसी को मिला। ऐसे में पड़ोसियों के साथ-साथ घरवालों ने भी मान लिया कि खूंटी गुरु की उसी भगदड़ वाले हादसे में जान चली गई है। जिसके बाद मंगलवार 11 फरवरी को उसकी तेरहवीं का प्रोग्राम चल रहा था, लेकिन तभी अचानक खूंटी गुरु की घऱ में एंट्री हो गई।

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