बेंगलुरु के एक नौजवान के प्रॉब्लम सॉल्विंग आइडिया से लोग दंग
खुद को माल की तरह ढुलाई वाले एप में बुक कर जा पहुंचा ऑफिस
ट्रैफिक की समस्या से जूझते बेंगलोरियंस को पसंद आया आइडिया
Unique Idea – कई बार रोज़मर्रा की परेशानियां इंसान से कुछ ऐसा करा देती है कि उसके चर्चे होने लगते हैं। कई बार उसकी खबर तक बन जाती है। बेंगलुरु की ये स्टोरी कुछ ऐसी है। क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि जब बेंगलुरु के एक शख्स को लाख कोशिश करने के बावजूद कोई टैक्सी नहीं मिली, तो उसने क्या किया? तो सुनिए… उसने खुद को ‘एक सामान’ की तरह की तरह एक ऐसी कंपनी के एप में बुक कर दिया, जो एक जगह से दूसरी जगह चीज़ों को पहुंचाने का काम करती है। यानी खुद को एक माल की तरह ढुलवा कर वो एक जगह से दूसरी जगह पहुंच गया।(Unique Idea)
प्रॉब्लम सॉल्विंग का गजब आइडिया
अब बंदे के प्रॉब्लम सॉल्विंग का ये आइडिया लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। हुआ यूं कि पथिक को हमेशा की तरह इस रोज भी अपने ऑफिस जाना था। वो अक्सर कैब बुक कर घर से ऑफिस तक की दूरी पूरी करता था। लेकिन भीड़ भरे बेंगलुरु में ना तो ‘ऊबर’ कैब की बुकिंग हो पा रही थी, ना ‘ओला’ की और ना ही किसी और सर्विस की। ऐसे में पथिक ने सोचा कि क्यों ना खुद को एक ‘माल’ की तरह यहां से दफ्तर के पते पर बुक कर दूं और वहीं पहुंच जाऊं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पथिक की पोस्ट देखिए-
https://x.com/pathikghugare/status/
माल ढुलाई वाले अपने खुद को ढुलवा लिया
फिर पथिक उस एप का सहारा लिया, जो माल ढुलाई का काम करती है। पोर्टर। पथिक ने खुद को पोर्टर में एक सामान की तरह बुक किया। बाइक राइडर माल लेने आया, तो पोर्टर का ही हेलमेट पहन कर वो बाइक की पिछली सीट पर बैठ गया और कुछ इसी तरह अपने दफ्तर भी पहुंच गया। हालांकि इस दौरान उसने अपनी एक तस्वीर भी क्लिक करवाई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दिलचस्प पोस्ट भी शेयर की। पथिक ने लिखा, “हैड टू पोर्टर माइसेल्फ टू ऑफिस टुडे, बिकॉज नो ओला-ऊबर।” यानी आज खुद को पोर्ट करवा कर ऑफिस पहुंचा दिया, क्योंकि ओला-ऊबर नहीं था।
सोशल मीडिया पर बंधे तारीफ़ों के पुल
पथिक के इस नायाब आइडिया का पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर होते ही इसे हजारों लोगों ने देखा और इस पर एक से बढ़ कर एक दिलचस्प कमेंट आने लगे। कुछ लोगों ने इसे वक्त की जरूरत बताते हुए पथिक की सोच और उसके आइडिया की तारीफ की।