
प्रतीकात्मक तस्वीर
Crime news in Hindi – वो 17 जनवरी की रात थी। करीब पौने आठ बज रहे थे। अचानक एक ऑटो में दो लोग एक लड़के को उठा कर पुणे के यशवंत राव चह्वान अस्पताल में पहुंचे। जिस शख्स को अस्पताल लाया गया था, उसकी हालत खराब थी। सारे कपड़े खून से भीगे हुए थे। सिर में भयानक चोट लगी थी। लड़के को अस्पताल लाने वाले दोनों लोगों ने पुलिस को बताया कि ये अभी-अभी रोड एक्सीडेंट का शिकार हुआ है। रास्ते के किनारे पड़ा था, वो उठा कर ले आए हैं।
अस्पताल लाते ही हुई लड़के की मौत
मामला पुलिस केस का था। डॉक्टरों ने घायल लड़के संभाला और अस्पताल वालों ने फॉर्मेलिटी पूरी की। लड़के को अस्पताल लाने वाले दोनों लोगों के नाम नंबर नोट कर लिए गए। लेकिन इससे पहले कि डॉक्टर घायल लड़के का इलाज कर पाते, वो दुनिया से जा चुका था। अस्पताल लाए जाने के साथ ही उसकी मौत हो गई।
मददगारों ने अपनी पहचान क्यों छुपा ली?
पुलिस को इत्तिला दी गई। मामले की जांच चालू हुई। साथ ही उन दोनों लोगों की तलाश भी चालू हुई, जो लड़के को उठा कर लाए थे। लेकिन अस्पताल वालों से लेकर पुलिस वाले तक ये देख कर सन्न रह गई कि लड़के को उठा कर अस्पताल लाने वाले दोनों के दोनों लोगों के नाम, पते, फोन नंबर सबकुछ गलत है।
पोस्टमार्टम से सामने आई मौत की सच्चाई
अब सवाल है, आखिर क्यों? पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई। लड़के की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। और इसी के साथ चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पता चला कि लड़का एक्सीडेंट का शिकार नहीं हुआ, बल्कि सोची-समझी साज़िश के तहत उसकी हत्या कर दी गई। उसके सिर पर रॉड जैसी किसी भारी चीज से हमला कर उसकी जान ली गई थी।
ऐसे हुई मरने वाले लड़के की पहचान
अब लड़के को अस्पताल लाने वाले दोनों लोग और ज्यादा शक के घेरे में आ चुके थे। लेकिन उनकी सही-सही पहचान किसी को पता नहीं थी। इसी बच पुणे के पास ही दिंद्रुद की पुलिस लड़के को ढूंढती हुई यशवंत राव चह्वान मेमोरियल अस्पताल पहुंची। असल में लड़के के घरवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी। इसी के साथ लड़के की पहचान साफ हो गई। लड़का मूल रूप से बीड का रहने वाला बालाजी लांडे था। उम्र थी 28 साल। लेकिन सवाल जस का तस था कि आखिर बालाजी की जान किन लोगों ने ली? और क्यों?
सीसीटीवी फुटेज में दिखा चमचमाता ऑटोरिक्शा
फिलहाल पुलिस के पास मामले को सुलझाने का इकलौता रास्ता अस्पताल और उसके आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज थी। फुटेज में लड़के को अस्पताल लेकर आने वाले लोगों के चेहरे तो साफ नहीं थे, लेकिन पुलिस ने गौर किया कि वो दोनों गुमनाम लोग जख्मी बालाजी लांडे को एक नई ऑटो में लाद कर लाए थे। बिल्कुल ब्रैंड न्यू ऑटो। जिसमें नंबर तक नहीं था। अब पुलिस ने इस ऑटो को ट्रैक करने का फैसला किया।
जब लिफ़्ट में नज़र आए ख़ून के छींटे
ट्रैकिंग अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों से शुरू हुई और फिर कई किलोमीटर तक होती हुई पुणे के चिकाली के गुरुकुल एरिया में पहुंच कर खत्म हुई। अस्पताल से पुलिस को गुरुकुल के एक बिल्डिंग तक उस ऑटो के पहुंचने के सीसीटीवी फुटेज मिले। पुलिस अब उस बिल्डिंग के अंदर पहुंच चुकी थी। लिफ्ट के अंदर पहुंचते ही पुलिस ये देख कर हैरान रह गई कि लिफ्ट में खून के छींटे थे, जिन्हें साफ करने की कोशिश की गई थी।
16 साल की लड़की ने सुनाई असली स्टोरी
अब पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि क़ातिलों का इस बिल्डिंग से कोई ना कोई रिलेशन जरूर है। जांच करती हुई पुलिस एंट्री हुई, उसी बिल्डिंग के एक फ्लैट में। लेकिन जब पुलिस वहां पहुंची तो फ्लैट में सिवाय एक 16 साल की लड़की के और कोई नहीं था। अब पुलिस ने लड़की से ही पूछताछ की शुरुआत की और जल्द ही लड़के के क़त्ल की पूरी कहानी साफ हो गई। ये लड़का दरअसल इसी परिवार का एक रिश्तेदार था, जो काम के सिलसिले में पुणे में रहता था। लेकिन यहां रहने के दौरान वो इस परिवार को काफी परेशान करता था।
बुरी आदत ने ले ली एक और ज़िंदगी
असल में बालाजी लांडे को शराब पीने की बुरी लत थी। वो रोज शाम को शराब पीकर गुरुकुल के इसी मकान में अपने रिलेटिव के घर पहुंच जाता और 16 साल की इस लड़की की मां के साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी करने लगता। जिससे ऊब कर खुद उस महिला ने बाला जी के क़त्ल की साजिश रची। इस साजिश में उसकी बेटी ने उसका साथ दिया। दोनों मां-बेटी ने चार जानने वालों की मदद ली और 17 जनवरी को उन्हें पहले से अपने घर बुला लिया।
हमेशा की तरह शाम को शराब के नशे में झूमता हुआ बालाजी लांडे उनके घर पहुंचा और बदतमीजी करने लगा। बस, मौके के इंतजार में वहां मौजूद मां-बेटी और चार और लोगों ने मिल कर उसे बुरी तरह पीटा और उसके सिर पर रॉड से वार कर दिया। उसकी हालत खराब हो गई। जब उन्हें लगने लगा कि अब बालाजी नहीं बचेगा, तो फिर उन्होंने सबूत मिटाने के इरादे से मामले को एक्सीडेंट बता कर उसे जख्मी हालत में अस्पताल ले जाने का फैसला किया।
साजिश के मुताबिक दो लोग अपने नए ऑटो रिक्शा में बालाजी को उठा कर यशवंत राव चह्वान अस्पताल लेकर पहुंचे। गलत पहचान बता कर धोखे से उसे अस्पताल में भर्ती भी करवा दिया और भाग निकले। लेकिन जब जांच करती हुई, पुलिस गुरुकुल के इस मकान तक पहुंची, तो सारा भेद खुल गया। फिलहाल पुलिस ने उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है, जो बालाजी को अस्पताल में छोड़ कर भाग गए थे। महिला समेत बाकी के गुनहगारों की अभी पुलिस तलाश कर रही है।