Deepseek R1 – चीन एक एआई टू डीपसीक (Deepseek R1) ने दुनिया में नया भूचाल ला दिया है। इसे ओपन एआई चैट जीपीटी से भी बेहतर माना जा रहा है। ऐसे में दुनिया भर के एक्सपर्ट की आंखें डीपसीक को लेकर फटी की फटी रह गई है। खास बात ये है कि ये चैट जीटीपी को बनाने में खर्च के मुकाबले उससे दस गुना कम कीमत पर बना है और इसने ये ईशारा दे दिया है कि एआई और चैट जीपीटी को लेकर अब तक जो हौव्वा खड़ा गया है, उसकी हवा निकलने वाली है।
औने-पौने कीमत पर तैयार हुआ शाहकार
डीपसीक आर-1 पावर्ड एआई चैटबॉट में एनवीडिया का एच800 चिप यूज हुआ है। जिसमें करीब 60 लाख डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपये का खर्च आया है और चैट जीपीटी को तैयार करने में हुए खर्च के मामले में ये खर्च कुछ भी नहीं है।
किसने किया Deepseek R1 का करिश्मा?
अब सवाल ये है कि आखिर डीपसीक के फाउंडर कौन हैं और उन्होंने कैसे इस करिश्मे को कर दिखाया? तो आइए डीपसीक के संस्थापक 40 साल के चीनी नागरिक के लियांग के बारे में जानते हैं। के लियांग मूल रूप से चीन के झांझियांग प्रांत के रहनेवाले हैं। उनके पिता एक स्कूल टीचर थे। और उनकी शुरुआत भी एक सामान्य स्टूडेंट के तौर पर ही हुई। लेकिन उन्हें नई-नई चीजों को जानने और समझने की ललक शुरू से ही थी। धीरे-धीरे वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरफ मुड़ने लगे और इसमें महारत हासिल की।
Deepseek R1 ने चैट जीपीटी को पीछे छोड़ा
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद के लियांग ने कई कंपनियों की नींव रखी। 2013, 2015 और 2019 में उन्होंने तीन अलग-अलग वेंचर शुरू किए और सभी को कामयाब बनाया। लेकिन दो साल पहले यानी साल 2023 में उन्होंने डीपसीक की शुरुआत की और इसने रातों-रात दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए। के लियांग के नए चैटबॉट डीपसीक आर-1 का जलवा कितना ज्यादा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अपने लॉन्च किए जाने के साथ ही इसने चैट जीपीटी को पछाड़ दिया है और एप्पल एप स्टोर में एक फ्री एप के तौर पर फिलहाल सबसे टॉप रेटिंग मिली हुई है।
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