Frank Caprio death reason: “दुनिया के सबसे दयालु जज” फ्रैंक कैप्रियो का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह पैंक्रियाटिक कैंसर से लड़ते हुए इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनके जाने से दुनिया भर में उनके चाहने वाले सदमे में हैं। न्याय की दुनिया में उनके नाम की एक अलग ही चमक थी, क्योंकि उन्होंने न्याय को सिर्फ कानून के आधार पर नहीं, बल्कि करुणा और समझ के आधार पर भी किया।
मौत की वजह ने चाहने वालों का सदमा और बढ़ा दिया
2023 में उन्हें पहली बार पैंक्रियाटिक कैंसर का पता चला था। तब अपने जिंदादिल व्यक्तित्व के मुताबिक उन्होंने कहा था कि वो इस बीमारी का जमकर मुकाबला करेंगे। साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों और चाहने वालों को धन्यवाद भी कहा था। अपने आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फिर से वहां तबीयत बिगड़ने पर भर्ती होने की जानकारी दी थी और लोगों से अपने लिए प्रार्थना करने को कहा था।

हमेशा मानवीय आधार पर सुनाते थे फैसले
उन्होंने प्रोविडेंस म्यूनिसिपल कोर्ट में करीब चार दशकों तक जज के तौर पर काम किया। फ्रैंक कैप्रियो की अदालती कार्यशैली में हमेशा इंसानियत झलकती थी। वे ना सिर्फ कानून को बल्कि हर इंसान की कहानी को समझने की कोशिश करते थे। उनके कोर्टरूम की छोटी-छोटी सुनवाइयां भी अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती थी, क्योंकि वे वजहों को सुनकर बहुत ही मर्मस्पर्शी और समझदारी भरे फैसले देते थे।
मुश्किलों भरा बचपन और बड़ी कामयाबी
फ्रैंक का जन्म 1936 में एक साधारण इटालियन-अमेरिकन परिवार में हुआ था। बचपन में उन्होंने मुश्किल दिन देखें। उनका परिवार स्ट्रगल करता रहा। स्कूल के साथी उन्हें मेहनती और नम्र लड़के के तौर पर याद करते हैं। उनकी लोकप्रियता तब शुरू हुई जब उनकी अदालत की वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। “Caught in Providence” नामक रियलिटी कोर्ट शो के जरिए वे लाखों लोगों के दिलों में घर कर गए। यह शो 2018 से 2020 तक काफी चर्चित रहा और न्याय के प्रति एक नया नजरिया पेश किया। उनके फैसले जहाँ कानून के दायरे में थे, वहीं उन्होंने उसमें प्यार और खून के रिश्ते भी जोड़े।
उनकी जिंदगी लाखों लोगों के लिए एक मिसाल है
फ्रैंक कैप्रियो अपनी जिंदगी में एक समर्पित पति, पिता, दादा और दोस्त थे। वे 60 वर्षों से अपनी पत्नी जॉयस के साथ खुशहाल जीवन बिताए। इस अनमोल इंसान की यह कहानी हमारी सभ्यता और मानवीय मूल्यों की एक मिसाल है, जिसने न्यायिक व्यवस्था में इंसानियत की छाँव दी। उनकी दया और समझदारी से भरे फैसलों ने करोड़ों लोगों के दिलों को छू लिया और वह हमेशा याद किए जाएंगे।
